Thursday, April 8, 2010

चेहरा और अदाऐं-हिन्दी शायरी (life style-hindi shayri)

किसी के एक चेहरे की
एक अदा पर यकीन न किया करो
बाज़ार के सौदागरों के इशारों पर
अदाकार कभी मुखौटे तो कभी अदायें बदल लेते हैं।
तुम अपने जज़्बातों पर काबू रखो
जुबां से भले ही तारीफ करो
पर दिल मत लगाओ उनकी अदाओं में
वक्त पड़े तो वह दिल भी बदल लेते हैं।
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कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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1 comment:

Surabhi said...

andaaze bayaan kafee khoobsoorat hai

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