Friday, August 27, 2010

हादसों पर मेले-हिन्दी शायरी (hadson par mele-hindi shayari

कुछ लोग हादसों में मरे इंसानों की याद में
हर बरस मोमबत्तियां जलायेंगे,
तो कुछ जन्नत के फरिश्ते
जख्मों में मरहम लगाने के लिये
सर्वशक्तिमान का नया दरबार बनायेंगे।
इंसान मौत से हारे हैं,
ईमान से अधिक उनको अपने मतलब प्यारे हैं,
कभी नहीं समझा धर्म,
अपनी कमजोरी पर आती है शर्म,
फिर भी अपनी अक्लमंदी से बन गये
जो सर्वशक्तिमान के ठेकेदार
मुर्दों में अमरत्व दिखाने के लिये
पत्थर की कुछ नई इमारते सजायेंगे।
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कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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