Saturday, August 6, 2011

दिल के हाल-हिन्दी शायरी (dil ke halat-hindi shayari)

कभी रोकर
कभी चीखकर
हमने क्या पाया,
जिंदगी के सफर में
हर मोड़ पर मुस्कराये तो
तकलीफों में अपने को
हंसता पाया।
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हालतों का क्या
कभी अच्छी कभी बुरी होती हैं,
रोज ज़माना देखता है
हमारे चेहरे की तस्वीर
जो कभी हंसती कभी रोती है।
क्यों करे जंग हंसाई
अपने दिल के हाल बाहर दिखाकर
जिनकी उम्र कभी बड़ी नहीं होती है।
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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