आकाश छूने का ख्याल शिखर-हिन्दी शायरी (akasha chhone ka khyal-hindi shayari)
चाहने से सभी महान नहीं बन जाते हैं,
आकाश छूने की कोशिश में कई लोग
जमीन पर आकर गिर जाते हैं।
जिन्होंने जमीन पर चलते हुए
पत्थरों की आवाज को भी सुना है,
कांटो के साथ भी दोस्ती को चुना है,
चलते चलते पड़े छाले जिनके पांव में,
लालच की खातिर पकड़ा नहीं रास्ता
बड़े शहर का
खुश दिल रहे अपने ही गांव में,
कभी आकाश छूने का ख्याल नहीं किया
महानता के शिखर
उनके पांव तले आ जाते हैं।
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कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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