Wednesday, November 18, 2009

दिल के भाव-हिंदी कविता (dil ke bhav-hindi kavita)

 
कभी गम तो कभी खुशी
कभी दर्द तो कभी हँसी के साथ
कविता लिखने का ख्याल किया
तब भाषा सजाने के साथ  
शब्द को जोर से बजाने का सोच  नहीं आया.
कोशिश की रस के रंग दिखाने 
और   अलंकार से कविता  सजाने की 
मिले जिससे भाषा विद्वान की उपाधि 
तब कविता को अपने दिल के  भाव से दूर पाया..
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कवि लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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