हिन्दी दिवस पर भाषण
बहुत होंगे
कोई हिंग्लिश में बोलेगा
कोई अंग्रेजी में बोलकर
अपनी बात खुद ही तोलेगा।
कहें दीपक बापू
भाषा और संस्कारों में
पश्चिम और पूर्व के रंग
इस कदर मिल गये हैं
हिन्दी में सोचते हैं सभी
मगर बोलने के लिये
अंग्रेजी जुबान चाहिए
कौन है जो हिन्दी में मुंह खोलेगा।
बहुत होंगे
कोई हिंग्लिश में बोलेगा
कोई अंग्रेजी में बोलकर
अपनी बात खुद ही तोलेगा।
कहें दीपक बापू
भाषा और संस्कारों में
पश्चिम और पूर्व के रंग
इस कदर मिल गये हैं
हिन्दी में सोचते हैं सभी
मगर बोलने के लिये
अंग्रेजी जुबान चाहिए
कौन है जो हिन्दी में मुंह खोलेगा।
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कवि लेखक-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
कवि लेखक-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप’’
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
Poet or Writer-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Lashkar, Gwalior madhya pradesh
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',ग्वालियर
http://dpkraj.blogspot.com
http://dpkraj.
यह कविता/आलेख रचना इस ब्लाग ‘हिन्द केसरी पत्रिका’ प्रकाशित है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन की अनुमति लेना आवश्यक है।
इस लेखक के अन्य ब्लाग/पत्रिकायें जरूर देखें
1.दीपक भारतदीप की हिन्दी पत्रिका
2.दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
4.दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका
5.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान का पत्रिका
८.हिन्दी सरिता पत्रिका
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