Sunday, December 25, 2011

ख्वाब और सांस-हिन्दी शायरी

जहान चला रहा है सर्वशक्तिमान
मगर कुछ लोगों गलतफहमी है कि
वह उसके रास्ते चांद और सूरज से
सजा सकते हैं,
जिस पर लोग चलते हुए ऐश करेंगे,
बस यूं ही हम फरिश्तों की तरह
अपना नाम इतिहास में भरेंगे।
कहें दीपक बापू
किसी को समझाना मुश्किल है
खुशफहमियों में जिंदा रहने की आदत हो गयी
वह दूर हो गयी तो लाश बन जायेंगे
बहानों में जीने की आदत हैं इंसानों को
वहम तोड़ने का फायदा नहीं
सांसों के कम होने से नहीं
ख्वाब टूटने से ज्यादा लोग मरेंगे।
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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