Tuesday, March 1, 2016

बुद्धि का खेल-हिन्दी कविता(Buddhi Ka Khel-Hindi Kavita)

संस्कार संस्कृति में
समाज के आपसी
संघर्ष भी शामिल हैं।

ऊंचे आदर्श से भरी
किताबों के पाठों में
पतन के किस्से भी शामिल हैं।

कहें दीपकबापू बुद्धि से
नाता रखने वाले
चुन लेते फूल जैसे शब्द
हीन ढूंढते उसमें
कांटे जैसे जो अर्थ शामिल हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com

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