Friday, April 8, 2016

चरित्र व्यक्तित्व-हिन्दी कविता (Charitra Vyaktitva-Hindi Poem)

चरित्र पर दाग
व्यक्तित्व की छवि 
तबाह कर देते हैं।

पीते नहीं शराब
जिंदगी में इतनी
अपनों के मन में 
जितनी आह भर देते हैं।

कहें दीपकबापू डूबतों से
बचने के लिये तिनका
मिलना आसान नहीं
मजबूत इरादे हों तो
पार लगने की
चाह भर देते हैं।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com

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