Thursday, April 26, 2018

ऊंची शिक्षा करें नौकरी पर साहब कहलायें-दीपकबापूवाणी (OOnchi shikssha karen naukri par sahab kahalayen-DeepakBapuwani)

.ऊंची शिक्षा करें नौकरी पर साहब कहलायें, उच्च पद की छवि देखकर दिल बहलायें।
दीपकबापूसूने पंजरे में मन का देखें रुदन, वाणी हुई मूक मौन से कितना सहलायें।।
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हाथ में हथियार अमन की करें बात, गरीबी हटाने में लगे अमीरी में बिताते रात।
दीपकबापूदिन में इश्तिहारी फरिश्ते जैसे फिरें, अंधेरी रात में करें शैतानी घात।।
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दर्द है दिल में थामे शायद इसलिये झंडे, कपड़ा लहराते नीचे हाथ में पकड़े डंडे।
दीपकबापूपता नहीं कर पाते सच झूठ, भूख पर करते रुदन खाते वह जो अंडे।।
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दिल में बसी माया बाहर छवि संत है, वाणी से बहें उपदेश दान पर उनका अत है।
दीपकबापूपरमात्मा का नाम जपा देखे नहीं, एक ही बात समझी उनका रूप अनंत है।।
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मानव भाव से ही पत्थर भी होते भगवान, हृदय में आनंद जिसके वही होता धनवान।
दीपकबापूहजारों बंदों का दिल आजमा चुके, अपने भरोसा रही वही होता बलवान।।
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