उनको
देश मे
भुखमरी
की समस्या पर
बहुत
चिंता है।
उनको
देश में
बेरोजगारी
की समस्या पर
बहुत
चिंता है।
उनको
देश में
गरीबी
की समस्या पर
बहुत
चिंता है।
कहें
दीपक बापू चिंता के व्यापारी
ढूंढते हमेशा
समस्याओं
के प्रचार में
नये
नये साधन
विज्ञापन
से हल करने के लिये
उनको
भारी चंदा जुटाने की
बहुत
चिंता है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.comयह कविता/आलेख रचना इस ब्लाग ‘हिन्द केसरी पत्रिका’ प्रकाशित है। इसके अन्य कहीं प्रकाशन की अनुमति लेना आवश्यक है।
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2.दीपक भारतदीप की अनंत शब्दयोग पत्रिका
3.दीपक भारतदीप का चिंतन
4.दीपक भारतदीप की शब्दयोग पत्रिका
5.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान का पत्रिका
८.हिन्दी सरिता पत्रिका
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