Thursday, April 23, 2015

हे ईश्वर हम पर कृपा बरसाना-हिन्दी कविता(he ishwar ham par kripa barsana-hindi poem)


हे ईश्वर,
आकाश से समय पर
अमृत जल बरसाना।

गर्मी में हिमालय से
बर्फ भेजकर
फिर न तरसाना।

कहें दीपक बापू इंसानों में देव
तुमने बहुत बसाये हैं,
वह कभी हमारे
नहीं काम आये हैं।
अपने खज़ाने भरने से
समय मिलता नहीं,
अपने इलाज के लिये
पंचतारा अस्पताल
उनके मिल जाते
इसलिये गरीब के दर्द से
उनका दिमाग हिलता नहीं,
उन पर तेरी कृपा
रहती हमेशा
इस बार हम पर भी बरसाना।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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