Thursday, September 17, 2015

डेंगू की फिक्र नहीं है-हिन्दी कविता(Dengu kifikra nahin hai-HindiPoem)

 डेंगू की खबर से भी
उसके चेहरे पर
फिक्र नही है।

महंगे इलाज की भी
उसके दिमाग में
 फिक्र नहीं है।

दीपकबापूपसीना बहाने वाला
मजदूर जानता है
बीमारी आकर उसे ले जायेगी
जिंदगी की जंग में जीतहार की
 फिक्र नहीं है।
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दीपक राज कुकरेजा ‘भारतदीप’’
कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर 
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',Gwalior
http://dpkraj.blogspot.com
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