Sunday, August 26, 2012

याचना के साथ इतराना-हिंदी कविता (yachna ke sath itarana-hindi kavita)

अपने सपनों का पूरा होने का बोझ
दूसरों के कंधों पर वह टिकाते हैं,
पूरे होने पर अपनी कामयाबी पर
अपनी ही ताकत दिखाते हैं।
कहें दीपक बापू
मेहनत और अक्ल का
इस्तेमाल करने का सलीका नहीं जिनको
वही दूसरों को अपनी जरूरतों के वास्ते
पहले सर्वशक्तिमान से याचना
फिर पूरी होने पर
ज़माने के सामने इतराना सिखाते हैं।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा
ग्वालियर मध्य प्रदेश


कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक 'भारतदीप",ग्वालियर
poet,writer and editor-Deepak 'BharatDeep',ग्वालियर
http://dpkraj.blogspot.com
http://dpkraj.
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