Wednesday, December 15, 2010

फतवा फिक्सिंग-हिन्दी व्यंग्य (fatva fixing-hindi vyangya)

पाकिस्तान के एक मौलवी ने बिग बॉस धारावाहिक में काम कर रही अपने देश की एक अभिनेत्री वीना मलिक की गतिविधियों का इस्लाम विरोधी बताया है। उन्होंने वीना मालिक को इस्लाम के लिये बहुत बड़ा खतरनाक घोषित कर दिया है। अब यह तो इस्लाम से जुड़े व्यंग्यगकार ही यह विषय उठा सकते हैं कि एक अभिनेत्री को उसके अश्लील अभिनय से 14 सौ वर्ष पुराने इस्लाम को खतरा बताकर उसे शक्तिमूर्ति कह रहे हैं या अपने धर्म को कमजोर बता रहे हैं। उनके इस बयान का विरोध उनके देश में ही किया गया है और एक आदमी ने तो सवाल उठाया है कि मौलवी को आखिर बिग बॉस देखने की फुर्सत मिल कैसे जाती है? इसे यूं भी कहा जा सकता है कि आखिर वह मौलवी अगर धार्मिक प्रवृत्ति के हैं तो ऐसे धारावाहिक देखते ही क्यों हैं?
यह प्रश्न काफी जोरदार है और धर्म के नाम पर फतवे या निर्देश जारी करने वाले सभी धर्म के ठेकेदारों से पूछा जाना चाहिए कि वह मनोरंजन के नाम पर हो रही गतिविधियों को देखते ही क्यों हैं? अगर नहीं देखते तो उसके बारे में फैसला कैसे करते हैं? केवल सुनकर! तब तो उनको कान का कच्चा और बात का बच्चा कहना चाहिए।
बात अगर पाकिस्तानी मौलवी की चली है तो वहां के क्रिकेटरों की भी चर्चा हो जाती है जिन पर फिक्सिंग का लेबल चिपका हुआ है। हमें तो वह मौलवी भी फिक्सर दिखाई दे रहा है। उसके इस फतवे पर पाकिस्तान की ही एक महिला ने सवाल उठाया है कि जब पारदर्शी कपड़े पहनकर पाकिस्तानी के टीवी चैनलों पर नाचती है तब ऐसे फतवे क्यों नहंीं जारी हुए?
अब इसका जवाब तो यही हो सकता है कि बिग बॉस को पाकिस्तान तथा भारत में लोकप्रिय बनाये रखने के प्रयास में शायद वह मौलवी ने फिक्स फतवा जारी किया है। सच तो यह है कि बिग बॉस को निरंतर चर्चा में बनाये रखने के लिये विवादों को फिक्स किया गया है। इतना ही नहीं जिस वीना मलिक को इसमें शामिल किया गया उससे पहले एक पाकिस्तानी फिक्सर क्रिकेटर के खिलाफ उससे बयान दिलाया गया जो एक फिक्सिंग प्रकरण में ताजा ताजा फंसा था। बस, हो गयी वीना मलिक हिट! सप्ताह भी नहीं बीता कि उसके बिग बॉस में आने की खबर आ गयी। ऐसे में हमने यह लिखा था कि पाकिस्तानी क्रिकेटर इंग्लैंड पुलिस के हाथ फिक्सिंग में पकड़े गये तो संभव है कि पूरा घटनाक्रम ही फिक्स हो सकता है। इस प्रकरण में लोगों को सत्य लगे इसलिये इंग्लैंड की गोरी पुलिस को फिक्स किया गया होगा क्योंकि भारत में गोरों को अभी तक ईमानदार माना जाता है। हमें इसी प्रकरण के बाद लगा कि गोरी पुलिस ने ही अपनी छवि का लाभ उठाने के लिये यह प्रकरण फिक्स किया होगा-शायद केवल वीना मलिक को बिग बॉस लाने के लिये यह प्रकरण रचा गया यही कारण है कि बाद में यह पूरा मामला ही टांय टांय फिस्स हो गया।
क्रिकेट, मनोरंजन, व्यापार तथा अपराध जगत का ऐसा गठजोड़ है कि उनमें सक्रिय दलाल कोई प्रकरण किसी भी आदमी से कुछ भी फिक्स कर सकता है। अरे, बड़े बड़े दिग्गज उनके सामने बिकने के लिये तैयार हैं तब एक मौलवी भला कैसे बच सकता है? संभव है मौलवी ने यह बयान इस इरादे से दिया हो कि कि कहीं इस फतवे से मिले प्रचार की वजह से आर्थिक, अपराधिक, मनोरंजन तथा धर्म के आधार पर संयुक्त उद्यम बने इस वैश्विक गठजोड़ से शायद कुछ फायदा हो? बिग बॉस की तो फिल्म पिट रही है। इसका प्रचार अधिक है पर लोकप्रियत कम! इस वैश्विक गठजोड़ के लिये यह एक चिंता की बात हो सकती है। एक बात याद रखें कि यह कार्यक्रम एक अंतर्राष्ट्रीय शैली का है और भारत पाकिस्तान में प्रसारित कर यहां के लोगों को मनोरंजन में व्यस्त किया जा रहा है ताकि उनका ध्यान अपने शिखर पुरुषों के नकारापन की तरफ न जाये। दोनों ही देशों की अंदरूनी हालतों पर नज़र डालें तो संतोषप्रद नहीं लगते-अगर कहें कि डरावने हैं तो भी गलत नहीं है।
मौलवी ने इस्लाम की परंपरागत शैली की आड़ ली पर आजकल यह एक फैशन हो गया है कि चाहे जहां विरोध करना हो वहीं धर्म की आड़ लो। मौलवी के फिक्स होने का संदेह यूं भी होता है कि भारतीय चैनलों पर इसे पर्याप्त स्थान दिया गया या कहें कि विज्ञापनों के बीच प्रसारण के लिये उनको एक संवदेनशील सामग्री मिल गयी। वैसे हम लोग यहां सुनते हैं कि पाकिस्तान भारतीय चैनलों पर प्रतिबंध लगा चुका है पर बिग बॉस वहां दिखने का मतलब यह है कि वह प्रतिबंध भी एक तरह से फिक्स है। हमें पहले से ही शक है कि पाकिस्तान के फिक्स शासकों के बूते की यह बात नहीं है कि वह भारतीय चैनलों पर प्रतिबंध लगा सकें। संभवतः वह ऐसी घोषणाऐं भी इसलिये फिक्स करते हैं कि भारतीय टीवी चैनल इसके माध्यम से अपने देश के लोगों पर देशभक्ति का भाव फिक्स कर अपना विज्ञापन समय अच्छी तरह पास करें।
आज के समय कौनसी कंपनी कहां कैसे काम कर रही है इसका पता नहंी चलता! ऐसे में अगर भारतीय कंपनियों या उनके दलालों का कोई अस्तित्व पाकिस्तान में न हो यह मानना संभव नहीं है। यही कंपनियां भारत में में चैनलों को तो उधर पाकिस्तान में उसके शिखर पुरुषों को मदद करती हैं। विश्व में सक्रिय मनोरंजन के दलालों को लगा कि भारत में किसी मौलवी को पटाया नहीं जा सकता या उससे कोई फायदा नहीं इसलिये पाकिस्तान में कोई मौलवी ढूंढ लें। इससे धर्म और देशभक्ति के भाव से बिग बॉस कार्यक्रम का विज्ञापन हो जायेगा। अब अगर वह इस्लाम के मौलवी हैं तो यह बात निश्चित है कि कोई दूसरा मौलवी उसका विरोध करने का खतरा नहीं उठायेगा। कम से कम भारत में तो यह संभव नहीं है खासतौर से तब जब अन्य धर्म के ठेकेदार भी इस कार्यक्रम को पंसद नहीं कर रहे। पसंद तो हम भी नहीं करते पर मालुम है कि देश में मूर्खों की कमी नहीं है और उनको ऐसे ही कार्यक्रमों में फिक्स कर अन्य लोगों को उनका शिकार होने से बचाया जा सकता है।
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कवि, लेखक एंव संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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